Detailed Notes on हल्दी के चमत्कारी फायदे



खांसी चाहे सूखी हो या बलगम वाली दोनों ही कफ दोष प्रकुपित होने के कारण होती है। हल्दी में कफ को संतुलित करने का गुण होता है जिसके कारण यह हर प्रकार की खांसी में लाभदायक होती है।

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा में हल्दी का उपयोग कई वर्षों से किया जा रहा है। आयुर्वेद में इसे हरिद्रा कहते है। हल्दी भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया का पौधा है। यह एक बारहमासी पौधा है इसके पौधे में फूल आते है।

हल्दी अपने आप में कई गुणों से भरपूर है और जब आप इसका सेवन दूध में मिलाकर करते हैं तो इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं. हल्दी वाला दूध बनाना भी बहुत आसान है. एक गिलास दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर अच्छे से उबाल लें और फिर गुनगुना होने पर इसका सेवन करें.

तंदूरी खाने के संभावित स्वास्थ्य जोखिम 

• हल्दी को पीसकर घी में मिलाकर घाव पर लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।

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आमतौर पर हल्‍दी का इस्‍तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। हल्‍दी दो रंग की होती है। आज हम काली हल्‍दी से जुड़े ऐसे उपायों के बारे में बता रहे हैं। 

आगे जानिए हल्दी में कौन-कौन से औषधीय गुण पाए जाते हैं।

आपको बता दें, हल्दी का प्रयोग आमतौर पर खून के रिसाव को रोकने या चोट को ठीक करने के लिए किया जाता है। कई बार हाथ-पैरों में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए भी हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल किया जाता है।

एक रिसर्च के अनुसार हल्दी में एंटीकैंसर गुण पाए जाने कारण यह कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं में भी लाभदायक साबित हो सकती है।

डीएनए हिंदी: तंदूरी व्यंजन एक पारंपरिक भारतीय खाना पकाने की शैली है जिसमें तंदूर में खाना पकाने से पहले उसे दही और मसालों के मिश्रण में मिलाया click here जाता है. यह अपने विशिष्ट स्वादों और तंदूर की गर्मी से मिलने वाले सिग्नेचर स्मोकी स्वाद के लिए जाना जाता है. जहां तंदूरी खाना लोकप्रिय है और व्यापक रूप से इसका आनंद लिया जाता है, वहीं स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में कई सवाल भी उठते हैं.

कच्ची हल्दी को मिलाकर तैयार किया गया हल्दी वाला दूध शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करने का सबसे बढ़िया घरेलु उपाय है जो बच्चो से लेकर बुजुर्गो तक, सभी के लिए काफी फायदेमंद होता है।

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